सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 3,280 रुपये के अहम समर्थन स्तर से नीचे टूटने पर 3,200 रुपये तक गिर सकती हैं।
इस वर्ष उत्पादन में बढ़ोतरी के अनुमान से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। मॉनसून की समय से आवक के कारण इस वर्ष सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्रों में 10% की बढ़ोतरी हुई है। पिछले सीजन में कपास की फसलों में गुलाबी कीटों के प्रकोप के कारण इस वर्ष किसानों ने कपास के बजाय सोयाबीन की खेती करना पसंद किया है। इसके अतिरिक्त स्थानीय पेराई मिलों की ओर से माँग में कमी और सोयामील की कीमतों में गिरावट से भी सेंटीमेंट प्रभावित हुआ है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों में बिकवाली हो सकती है और कीमतें 4,050-4,020 रुपये तक लुढ़क सकती है। सरसों तेल और सरसों केक की कम माँग के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में नरमी के रुझान के साथ कारोबार हो रहा है। सरसों तेल और सरसों केक की कम माँग के कारण कीमतों में गिरावट होने से सरसों की पेराई मार्जिन काफी कम हो गयी है। निकट भविष्य में यदि सरसों तेल और सरसों केक की माँग में बढ़ोतरी नही होती है तो पेराई आगे भी कम हो सकती है।
सोया तेल (सितंबर) वायदा की कीमतों में 730 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। हाजिर बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट हो रही है क्योंकि कमजोर वैश्विक रुझानों और अधिक आयात को देखते हुए स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक को बेचना पसंद कर रहे हैं। मिलों और रिटेलरों की ओर से माँग में कमी के कारण भी खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
सीपीओ वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 590-596 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। इंडोनेशिया बायोडीजल की खपत, भारत से माँग और चीन एवं अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के घटनाक्रमों के साथ ही इंडोनेशिया और मलेशिया में उत्पादन के रूझानों से पॉम तेल की कीमतों की दिशा निर्धरित होगी। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2018)
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