हल्दी वायदा (सितंबर) में नरमी का रुझान देखा जा रहा है और इसकी कीमतों में 6,700-6,650 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
मौजूदा मॉनसून के दौरान हल्दी की माँग में कमी के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में नरमी का सेंटीमेंट है। बेहतर उत्पादन की उम्मीद से किसान भी अपने स्टॉक को बाजार में बेच रहे हैं। तेलंगाना में बुआई समाप्त हो गयी है, जबकि तमिलनाडु में अभी भी जारी है। इस वर्ष बेहतर बारिश के कारण सिंचाई की समस्या नही है, इसलिए उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतें तीन हफ्ते के निचले स्तर 19,065 के आस-पास कारोबार कर रही है और 18,990 के नजदीक सहारा रह सकता है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्रों में बारिश में तेजी आने से अक्टूबर के अंत में शुरू होने वाली जीरे की बुआई अधिक हो सकती है। जीरे की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतें अपने 50 दिनों के मूविंग औसत सहारा स्तर से 4,825 रुपये से नीचे टूट सकती है और यदि ऐसा होता है तो इस हफ्ते कीमतों में 4,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है। हाजिर बाजारों में खरीदारों के बाजार से दूर रहने के कारण माँग कम हो रही है।
इलायची वायदा (सितंबर) की कीमतों में 1,280-1,260 रुपये तक गिरावट हो सकती है। आगामी दिनों में बाजार की नजर नयी फसल के ऑक्शन केन्द्रों पर आने के साथ ही निर्यात की संभावना पर रहेगी। लेकिन आयातक देशों द्वारा क्विलिटी को लेकर सख्त मानक के कारण कीमतों पर दबाव रह सकता है। 1 सितंबर से ही सउदी अरब द्वारा भारतीय इलायची पर कीटनाशकों को लेकर प्रतिबंध के कारण कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2018)
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