हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों में 6,500 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
बाजारों में हाजिर कीमतों में मिला-जुला रुझान है। अमावस्या के कारण कल प्रमुख हाजिर बाजार बंद रहे। बसमतनगर और हिंगोली में हल्दी की कीमतों में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है, जबकि इरोद में कीमतों में कोई बदला नही हुआ और केवल खराब और मध्यम क्वालिटी की हल्दी की आवक हो रही है।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों के 19,200-19,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। माँग और आपूर्ति के बराबर होने के कारण देश के प्रमुख बाजारों में जीरे की कीमतों में स्थिरता है। आगामी त्योहारों के दौरान माँग में बढ़ोतरी की उम्मीद से किसान अपना स्टॉक बाजारों में ला रहे हैं और इसलिए कारोबारी अधिक कीमतों पर भी जीरे की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन मंडियों में आवक की रफ्तार अभी भी काफी कम है।
इलायची वायदा (नवंबर) की कीमतों में 1,400 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। इडुक्की में दूसरे चरण की पफसल कटाई लगभग पूरी हो गयी और तीसरे चरण की फसल कटाई अभी शुरू नही हुई है। केरल में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल को नुकसन होने के कारण इलायची का कुल उत्पादन केवल 12,000-15,000 रुपये टन होने का अनुमान है। इडुक्की के नीलामी केन्द्र पर इलायची की कीमतें अधिक हो गयी हैं। अन्य नीलामी केन्द्रों पर भी इलायची की कीमतों में बढ़ोतरी का रूझान है। कारोबारियों को कुल उत्पादन में 60% से अधिक की गिरावट होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 10 अक्टूबर 2018)
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