हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,540-6,670 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
स्थानीय माँग के कारण गुरुवार को हाजिर बाजारों में हल्दी की दोनों वेराइटी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 450 रुपये प्रति क्विंटल, इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में 200 रुपये प्रति क्विंटल और इरोद को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में 100 की रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। जबकि सभी बाजारों में रूट वेरायटी की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 19,400-20,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। त्योहारी सीजन के अंत के कारण कीमतों में तेजी के बरकरार रहने की संभावना नहीं है। घरेलू बाजार में माँग कम हुई है। गुजरात के ऊंझा में जीरे की कीमतों में 25 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम की गिरावट हुई है, जबकि राजस्थान के बाजारों में कीमतों में 50-100 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम की गिरावट हुई है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,500 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त जारी रह सकती हैं। बढ़ती माँग के कारण देश के प्रमुख बाजारों में धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कम मॉनसून के कारण किसान धनिया की बुआई से दूरी बनाये हुए हैं। इसलिए गुजरात में सूखे की स्थिति के कारण अभी तक बुआई में 40-50% कमी देखी जा रही है, जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़े स्तर पर बुआई अभी शुरू नही हुई है, लेकिन सूत्रों से पता चलता है कि इन दोनों राज्यों में उत्पादन में कमी हो सकती है। (शेयर मंथन, 16 नवंबर 2018)
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 19,400-20,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। त्योहारी सीजन के अंत के कारण कीमतों में तेजी के बरकरार रहने की संभावना नहीं है। घरेलू बाजार में माँग कम हुई है। गुजरात के ऊंझा में जीरे की कीमतों में 25 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम की गिरावट हुई है, जबकि राजस्थान के बाजारों में कीमतों में 50-100 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम की गिरावट हुई है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,500 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त जारी रह सकती हैं। बढ़ती माँग के कारण देश के प्रमुख बाजारों में धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कम मॉनसून के कारण किसान धनिया की बुआई से दूरी बनाये हुए हैं। इसलिए गुजरात में सूखे की स्थिति के कारण अभी तक बुआई में 40-50% कमी देखी जा रही है, जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़े स्तर पर बुआई अभी शुरू नही हुई है, लेकिन सूत्रों से पता चलता है कि इन दोनों राज्यों में उत्पादन में कमी हो सकती है। (शेयर मंथन, 16 नवंबर 2018)
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