पहली छमाही में नयी फसल की भारी आवक के कारण बिकवाली के दबाव से धनिया की कीमतों में लगभग 30% की गिरावट हुई।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2017-18 में धनिया का उत्पादन 2016-17 के 8.83 लाख टन की तुलना में 9.23 लाख टन होने की संभावना है। नयी फसल की आवक से पहले किसानों द्वारा पुराने स्टॉक की बिकवाली के कारण बेंचमार्क कोटा बाजार में आवक बढ़ गयी।
धनिया की घरेलू माँग केवल आवश्यकतानुसार रही थी, क्योंकि कीमतों में गिरावट की उम्मीद से खरीदारों ने थोक खरीदारी नहीं की। मई में अधिक आयात के कारण धनिया की कीमतें 4,186 रुपये के निचले स्तर पर पहुँच गयी। इसके अतिरिक्त विभिन्न बाजारों में धनिया (पूराने और नये) की कुल उपलब्ध्ता लगभग 60 लाख बैग (1 बैग 40 किग्रा का) थी, किसानों के पास लगभग 40 लाख बैग और इसके साथ 37 लाख बैग पिछले वर्ष का स्टॉक था। इस प्रकार कुल उपलब्ध्ता 1 करोड़ बैग से अधिक हो गयी, जो कीमतों के लुढ़कने के लिए पर्याप्त थी।
प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार इस वर्ष धनिया का उत्पादन 1/3 से अधिक कम होकर लगभग 2,40,000 टन हो सकता है। इस सीजन की शुरूआत 1,20,000 टन के कैरी ओवर स्टॉक से होने की संभावना है, जिससे कुल आपूर्ति 3,60,000 टन हो सकती है। 4,80,000 टन की सालाना खपत को देखते हुए लगभग 1,25,000 टन धनिया की कमी हो सकती है।
कीमतों में बदलाव की संभावना को देखें तो बाजारों में आवक होने तक कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है, जबकि इस वर्ष आपूर्ति कम रह सकती है। नयी फसल की आवक में फरवरी के मध्य से बढ़ोतरी होगी, क्योंकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में फसल कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार होती है। 2019 में धनिया की कीमतें एनसीडीईएक्स में 5,000-9,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रह सकती हैं। (शेयर मंथन, 11 जनवरी 2019)
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