सोयाबीन वायदा (मई) की कीमतों में कुल मिलाकर का नरमी का रुझान है।
इसलिए कीमतों के 3,615-3,660 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 2019 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लगभग सामान्य रहने की संभावना है, जिससे कारोबारियों को इस वर्ष सोयाबीन का अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त केन्द्र के पास 3,04,090.1 टन सोयाबीन का प्रमाणित बीज है, जो जून से शुरू होने वाले आगामी खरीफ सीजन में 30,121.5 टन की जरूरतों से अधिक है।
यदि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बेहतर रहता है तो इस वर्ष सोयाबीन का उत्पादन अधिक हो सकता है। सीबोट में सोयाबीन वायदा में नरमी के रुझान के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। अमेरिका में सोयाबीन के अधिक उत्पादन और चीन की ओर से कम माँग के कारण सीबोट में सोयाबीन की कीमतें लगातार चौथे साप्ताहिक बढ़त की ओर अग्रसर हैं। वर्तमान समय में कमोडिटी फंड सोयाबीन, सोयामील और सोया तेल की बिकवाली कर रहे हैं।
बिकवाली के दबाव के कारण सोया तेल वायदा (मई) की कीमतें यदि 728 रुपये से नीचे टूटती है तो कीमतों में 724 रुपये तक नरमी बरकरार रहने की संभावना है। नेपाल के रास्ते बिना किसी आयात शुल्क के रिफाइंड सोया तेल और पॉमोलीन के अधिक आयात के कारण हाजिर बाजारों में आपूर्ति बढ़ रही है।
सीपीओ वायदा (मई) की कीमतों में नरमी का रुझान जारी रह सकता है और कीमतों में 510 रुपये तक गिरावट हो सकती है। मलेशिया में 2019 में पॉम ऑयल का उत्पादन 1.95 करोड़ टन के पिछले अनुमान की तुलना में बढ़कर 2 करोड़ टन हो जाने के अनुमान के बाद मलेशियाई बाजार में निराशाजनक सेंटीमेंट हैं। (शेयर मंथन, 08 मई 2019)
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