हल्दी वायदा (जून) में तेजी के रुझान के साथ साथ कारोबार करने की उम्मीद है।
इसकी कीमतें 6,650 के पास रुकावट को पार कर 6,700-6,750 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। इरोद बाजार में नयी फसल की प्रतिदिन की औसतन 4,000-5,000 क्विंटल आवक और वारंगल बाजार में, दैनिक आधर पर औसतन लगभग 1,200-1,500 क्विंटल की आवक की तुलना में हाजिर बाजरों में हल्दी की बिक्री बढ़ रही है। कारोबारी सूत्रों के अनुसार आवक के अलावा वर्तमान समय में देश भर के हाजिर बाजारों में हल्दी का स्टॉक लगभग 14-16 लाख बैग हैं।
जीरा वायदा (जून) में पिछले हफ्ते अच्छी बढ़त दर्ज की गयी और यहाँ तक कि कीमतें साप्ताहिक बाधा स्तर 17,600-17,700 रुपये के ऊपर बंद हुई। इससे पता चलता है कि आने वाले दिनों में तेजी का रुझान बना रहेगा और संभवतः 18,000 रुपये तक तेजी देखी जा सकती है। कारोबारी सूत्रों के अनुसार इस वर्ष सीरिया में जीरा का उत्पादन कम होकर 25,000 टन होने का अनुमान है क्योंकि भारी बारिश के कारण उनकी फसल का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया है। जबकि तुर्की में जीरा का उत्पादन 8,000 टन होने का अनुमान है क्योंकि बारिश से 25% फसल को नुकसान पहुँचा है। कारोबारी काफी उत्साहित हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे की कमी को भारत द्वारा पूरा किया जायेगा और इसलिए निर्यातकों और थोक खरीदारों द्वारा खरीदारी की जा रही है, क्योंकि वे आगामी महीनों में निर्यात माँग में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।
इलायची वायदा (जून) में कारोबारियों को सावधनी के साथ कारोबार करना चाहिए और लांग पोजिशन लेने से बचना चाहिए क्योंकि 2,050 रुपये के स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है। ऐसी खबरें है कि भारत में इलायची का बड़े पैमाने पर आयात हो रहा है और यह द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत काफी कम आयात शुल्क पर पड़ोसी देशों के माध्यम से हो रहा हैं। (शेयर मंथन, 13 मई 2019)
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