अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान पर कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 20,400-20,200 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है।
चीन द्वारा अमेरिका के 60 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगाने की कार्रवाई के बाद विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव गहराने के कारण आईसीई कॉटन वायदा की कीमतों में गिरावट हुई है।
गहराते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वे अगले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे, जिससे विश्व बाजार में उठापटक हो रही है। इस बीच अमेरिकी व्यापार अधिकारी ने कहा है कि वे 300 अरब डॉलर के अतिरिक्त चीनी उत्पादों पर 25% तक आयात शुल्क लगाये जाने की संभावना पर विचार कर रहा है।
घरेलू बाजार में चिंता का विषय है कि कपड़ा मिलों के लिए अच्छी क्वालिटी की कमी के कारण भारत में मौजूदा फसल वर्ष (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) के बीच कपास के आयात में 80% तक वृद्धि होने की संभावना है।
लंबे समय के अंतराल के बाद सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदारी और कम आपूर्ति के कारण चना वायदा की कीमतों में उछाल दर्ज की गयी है। आगामी दिनों में जून कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें 4,490 रुपये के स्तर पार सहारा के साथ 4,580-4,600 रुपये तक पहुँचने की उम्मीद है।
ग्वार सीड वायदा (जून) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 4,570 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 9,150-9,200 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। मॉनसून से पहले होने वाली बारिश के कम होने की संभावना और देश के जलाशयों में पानी की उपलब्धता कम होने के कारण ग्वारसीड की बुआई बाधित होने से कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 14 मई 2019)
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