सोयाबीन वायदा (जून) में 3,750 रुपये के स्तर के नजदीक खरीदारी जारी रह सकती है।
डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोर होने और कम कीमतों पर बेहतर माँग के कारण कीमतें 3,770-3,780 रुपये तक पहुँच सकती है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और चीन के कस्टम विभाग के चीनी बाजार के लिए अधिक कृषि उत्पादों को स्वीकृति देने के भारत के लंबित अनुरोध से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के बाद कारोबारियों को उम्मीद की किरण दिख रही है। परिणामतः सोयामील के लिए ड्राफ्ट प्रोटोकॉल को जल्द ही अंतिम रूप दिया जायेगा। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव के गहराने के कारण अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतों में 0.1% की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार 9% क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई हो चुकी है, जो समान अवधि में पिछले पाँच के औसत से 29% कम है।
सोया तेल वायदा की कीमतों का रुझान पूरी तरह से डॉलर के मुकाबले रुपये के कारोबार पर निर्भर करेगा, जो यूएस और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध के कारण कमजोर हो रहा है, जिससे आयात महँगा हो गया है। जून कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें यदि 740.50 रुपये से ऊपर बरकरार रहती हैं, तो इनमें 744 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
सीपीओ वायदा (मई) के साथ भी यही फंडामेंटल है। कीमतों में 529 रुपये तक बढ़ोतरी की उम्मीद है। मलेशिया ने जून में कच्चे पॉम तेल के निर्यात के लिए शून्य निर्यात शुल्क बरकरार रखा है।
आगामी दिनों में दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और कुवैत जैसे प्रमुख आयातक देशों से रेपसीडमील की मजबूत निर्यात माँग के कारण सरसों वायदा (जून) की कीमतों में 3,870 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ बढ़त दर्ज की जा सकती है। (शेयर मंथन, 15 मई 2019)
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