व्यापार युद्ध के बढ़ते भय के कारण घरेलू बाजार में कॉटन वायदा की कीमतों की तेजी पर रोक जारी रह सकती है।
हाजिर बाजारों में खरीदारों और विक्रेताओं की ओर से सावधानी के कारण सुस्त कारोबार हो रहा है। इसलिए मई कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें 21,250-21,490 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 119 से 192 प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका के टेक्सास में भारी बारिश के कारण इस हफ्ते कपास की बुआई धीमी हुई है।
यूएसडीए के अनुसार पिछले रविवार तक अमेरिकी कपास की बुआई 44% क्षेत्रों में हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6% कम है।
ग्वार सीड वायदा (जून) पर बिकवाली का दबाव रहने की संभावना है और कीमतें 4,350-4,335 रुपये के स्तर पर लुढ़क सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों में 8,745-8,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है। राजस्थान कृषि विभाग द्वारा 2019-20 में ग्वार का उत्पादन मौजूदा वर्ष के अनुमानित 10.3 लाख टन की तुलना में 45.5% की बढ़ोतरी के अनुमान के बाद सेंटीमेंट कमजोर हो गया है। आगामी सीजन में ग्वार की उत्पादकता पिछले वर्ष के 334 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में 500 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है।
गेहूँ वायदा (जून) की कीमतों में 1,985 के सहारा से ऊपर तेजी बरकरार रहने की संभावना है। सरकार के खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत बेचे जा रहे गेहूँ की कीमत हाजिर कीमत की तुलना में अधिक होने के कारण हाजिर बाजारों में गेहूँ की माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। मक्का वायदा की कीमतें हर हफ्ते रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रही हैं और आगे भी तेजी का रुझान जारी रह सकता है। पशु आहार निर्माताओं की ओर से अधिक खरीदारी के कारण जून कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों को 1,920 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 21 मई 2019)
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