हल्दी वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,880-7,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण हल्दी की बुआई में 20-25 दिनों की देरी होने की संभावना है। कारोबारियों की नजर तेलंगाना में भी बुआई की प्रगति पर रहेगी जो 10 जून से शुरू होगी।
जीरा वायदा (जून) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 17,285-17,515 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। निर्यातकों और थोक खरीदारों की ओर से भारी खरीदारी के कारण हाजिर बाजारों में कारोबारियों के बीच सेंटीमेंट बेहतर है। सीरिया में जीरे का उत्पादन इस वर्ष कम होने का अनुमान भारत के लिए एक अच्छी खबर है। सीरिया से जीरे की आवक जून में शुरू होती है। इसलिए विदेशी बाजार में आगामी महीनों में भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने की संभावना है। पिछले दो वर्षो से उत्पादन में कम और आगामी दिनों में आवक में गिरावट के कारण इलायची वायदा की कीमतों में बढ़त जारी रह सकती है। नयी फसल की आवक में लगभग दो महीने की देरी और 2019-20 में कम उत्पादन अनुमान के कारण आपूर्ति में कमी को लेकर आशंका बढ़ गयी है।
बाजार अनुमानों के अनुसार 2019-20 (जुलाई-जून) में इलायची का उत्पादन 7,000-8,000 टन हो सकता है। इसलिए कीमतें 2,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
धनिया वायदा (जून) की कीमतें 7,300-7,430 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। 30 मई तक एक्सचेंजों के गोदामों में कुल स्टॉक पिछले महीने के प्रारंभ की तुलना में 59% बढ़ कर 5,007 टन हो गया है। (शेयर मंथन, 03 जून 2019)
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