कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है और 21,350 रुपये के नजदीक अड़चन का सामना करना पड़ सकता है।
लेकिन कम आपूर्ति के सीजन में प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों, विशेष रुप से दक्षिणी क्षेत्रों, से सीमित आपूर्ति के कारण कीमतों में तेज गिरावट की संभावना नहीं है। इसके अलावा भारी बारिश के कारण परिवहन संबंधी समस्या से भी बाजारों में कपास की कमी हुई है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र में गुलाबी कीटों के प्रकोप के कारण भी कीमतों में तेजी का सेटीमेंट देखा जा सकता है। वैश्विक मोर्चे पर, यू.एस. कपास वायदा की कीमतों में 1% की गिरावट हुई है और दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें 1.03% की गिरावट के साथ 57.61 सेंट पर पहुँच गयी हैं, क्योंकि विदेशी खरीदारों की ओर से माँग सीमित है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध ने कपास की माँग को प्रभावित किया है। कारोबारियों की नजर जी-7 की बैठक पर है।
मूंग वायदा (सितंबर) की कीमतों में 6,080-6,040 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। मौजूदा सीजन में मूंग की बुआई सामान्य उत्पादन क्षेत्रों से अधिक हो गयी है, लेकिन अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में तेजी से पिछड़ रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, किसानों ने पिछले सप्ताह तक 28.1 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई की थी, जो साल भर पहले की अवधि में 31.6 लाख हेक्टेयर से 11% कम है। खरीफ मूंग के लिए पाँच साल का औसत क्षेत्रों 27.5 लाख हेक्टेयर है।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को 5,800 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गुजरात में अरंडी की बुआई अगस्त के अंत और सितंबर में होगी। किसान आम तौर पर सीजन में अरंडी की बुवाई अपेक्षाकृत देर से करते हैं। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2019)
मूंग वायदा (सितंबर) की कीमतों में 6,080-6,040 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। मौजूदा सीजन में मूंग की बुआई सामान्य उत्पादन क्षेत्रों से अधिक हो गयी है, लेकिन अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में तेजी से पिछड़ रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, किसानों ने पिछले सप्ताह तक 28.1 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई की थी, जो साल भर पहले की अवधि में 31.6 लाख हेक्टेयर से 11% कम है। खरीफ मूंग के लिए पाँच साल का औसत क्षेत्रों 27.5 लाख हेक्टेयर है।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को 5,800 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गुजरात में अरंडी की बुआई अगस्त के अंत और सितंबर में होगी। किसान आम तौर पर सीजन में अरंडी की बुवाई अपेक्षाकृत देर से करते हैं। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2019)
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