महाराष्ट्र में फसल नुकसान होने की खबरों के कारण सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,820-3,850 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में कमजोर मॉनसून के कारण मिट्टी में नमी की मात्रा काफी कम हो गयी है। विदर्भ में सामान्य से 14% कम बारिश हुई है, जबकि मराठवाड़ा में सामान्य से 82% कम बारिश हुई है।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतों को 757 रुपये पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है, जबकि सीपीओ वायदा (सितंबर) की कीमतों में भी तेजी रह सकती है और 566-565 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। मलेशिया से आयातित रिफाइंड पॉम तेल पर आयात शुल्क 5% बढ़ा कर 50% किये जाने की संभावना है। सरकार इस कमोडिटी को भारत-मलेशिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते से हटाने का विचार कर रही है। मलेशिया से आयातित रिफाइंड पॉम तेल पर आयात शुल्क में 500 आधार अंकों की बढ़ोतरी से रिफाइंड और कच्चे पॉम तेलों के आयात शुल्क का अंतर 500 आधार अंक से बढ़ कर 1,000 आधार अंक हो जायेगा। रुपये के कमजोर होने से भी पॉम ऑयल का आयात महँगा होने से कीमतों को मदद मिल सकती है। अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के रुझान पर मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। डेलियन एक्सचेंज में सोया तेल की कीमतों में 1.7% और पॉम ऑयल की कीमतों में 3% की बढ़ोतरी हुई है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों में 3,905 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। लगातार आवक के बीच तेल मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण सेंटीमेंट में नरमी का रुझान है। खरीफ तिलहनों के उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण सेंटीमेंट पर दबाव पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2019)
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