कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुख के साथ 19,400 रुपये से ऊपर कारोबार करने की संभावना है।
भारतीय कपास निगम द्वारा राजस्थान और पंजाब में कपास की खरीदारी शुरू किये जाने के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। लेकिन मौजूदा आवक में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण खरीदारी कम हो रही है। क्वालिटी और नमी की मात्रा के हिसाब से कच्चे कपास की कीमतें 4,700 रुपये से 5,250 रुपये के दायरे में कारोबार कर रही है। लेकिन कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल से काफी कम हैं।
चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति की उम्मीद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में 55 से 73 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है। यूएसडीए ने 2019-20 में कपास के उत्पादन अनुमान को पिछले महीने की तुलना में 1,50,000 बेल की कमी करके 2.171 करोड़ बेल कर दिया है। विश्व स्तर पर कपास के अंतिम स्टॉक को भी 60,000 बेल कम करके 8.369 करोड़ बेल कर दिया है।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 4,240-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में पेराई के लिए अपनी तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम कीमतों पर मिलों की ओर से नयी खरीददारी हो रही है। इसके अलावा दिवाली तक त्योहारी अवधि के दौरान माँग बढ़ने के साथ फिजिकल खरीदारी में वृद्धि हुई है।
आकर्षक आमदनी की उम्मीद में प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति में वृद्धि के कारण मेंथा ऑयल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,238 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है और कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। हाजिर बाजारों में उपभोक्ता उद्योगों की ओर से कमजोर माँग का भी कीमतों पर असर पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 11 अक्टूबर 2019)
चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति की उम्मीद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में 55 से 73 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है। यूएसडीए ने 2019-20 में कपास के उत्पादन अनुमान को पिछले महीने की तुलना में 1,50,000 बेल की कमी करके 2.171 करोड़ बेल कर दिया है। विश्व स्तर पर कपास के अंतिम स्टॉक को भी 60,000 बेल कम करके 8.369 करोड़ बेल कर दिया है।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 4,240-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में पेराई के लिए अपनी तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम कीमतों पर मिलों की ओर से नयी खरीददारी हो रही है। इसके अलावा दिवाली तक त्योहारी अवधि के दौरान माँग बढ़ने के साथ फिजिकल खरीदारी में वृद्धि हुई है।
आकर्षक आमदनी की उम्मीद में प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति में वृद्धि के कारण मेंथा ऑयल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,238 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है और कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। हाजिर बाजारों में उपभोक्ता उद्योगों की ओर से कमजोर माँग का भी कीमतों पर असर पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 11 अक्टूबर 2019)
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