हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,350-5,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में, हल्दी की बिक्री बहुत उत्साहजनक रही है और ज्यादातर 100% बिक्री दर्ज की जा रही है। इसके पीछे कारण यह है कि अच्छी गुणवत्ता आ रही है और कारोबारी अधिक कीमत की माँग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में, हमें कुछ रिकवरी देखने को मिल सकती है क्योंकि कारोबारी नये सिरे से माँग की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और वर्तमान में स्थानीय लोगों से और हल्दी पाउडर पीसने वाली इकाइयों से भी माँग मिल रही है।
जीरा वायदा (अगस्त) में 13,800 के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतें 14,500-14,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। आयातकों के लिए जीरा आकर्षक है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय जीरा की कीमतें गिर गयी हैं, और 1,780-1,800 डॉलर प्रति टन के दायरे में कारोबार कर रही है। कारोबारियों का मानना है कि निर्यात में तेजी आयेगी क्योंकि अधिक देश लॉकडाउन से बाहर आ रहे हैं और खपत भी बढ़ रही है। ऊंझा बाजार ने घोषणा की है कि कोविड -19 के कारण, यार्ड में भीड़ से बचने के लिए जीरा की नीलामी केवल वैकल्पिक दिनों में आयोजित की जायेगी, इसलिए वर्ष के इस समय के दौरान आवक भी कम हो रही है।
इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों में 1,550-1,650 रुपये तक तेजी देखी जा सकती है। कीटनाशक अवशेषों के मुद्दों को हल करने के बाद मई से सउदी अरब को निर्यात में रिकवरी के कारण इस क्षेत्रों में बिक्री की गति बनी रह सकती है। फसल बिना किसी देरी के समय पर बाजारों में आने लगी है, लेकिन बाजार में प्रवेश करने वाली फसल की मात्रा अगस्त-सितम्बर के अधिकतम आवक के महीनों के दौरान आवक की तुलना में कम है। नयी फसल में नमी 8% के मानक स्तर पर है। (शेयर मंथन, 20 जुलाई 2020)
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