कमोडिटीज बाजार में तेज गिरावट के बावजूद एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में तेजी का रुझान बना हुआ है।
इसका कारण यह है कि माँग काफी मजबूत हैं। ऐसी खबर है कि कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया एक महत्वपूर्ण करार पर नजर गड़ाये हुये है, जिसके तहत बांग्लादेश को लगभग 10-15 लाख बेल कपास का सीधे निर्यात होगा। इससे सरकार सीधे दूसरे देशों को भीं कपास का निर्यात कर सकेगी। यह देखते हुये, कीमतें 18,000 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 18,150-18,200 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में भी तेजी का रुझान है और इसकी बेहतर माँग के कारण 5,360-5,450 रुपये तक तेजी बनी सकती है। यद्यपि किसानों के विरोध के चलते मध्य प्रदेश की मंडियाँ कल बंद रही लेकिन किसानों की ओर से कमजोर उपलब्धता और मिलों की ओर से बढ़ी खरीदारी के कारण दलहन की कीमतों में तेजी जारी रही। भारी बारिश के कारण फसलों के बड़े पैमाने पर नुकसान की खबरों के बीच उड़द और मूंग की कीमतों में तेजी का रुझान रहा। खबरों में, अनाज की खरीद में अपनी सक्रियता का संकेत देते हुये, केंद्र ने सोमवार को कहा कि उसने पाँच राज्यों-कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा और महाराष्ट्र से 13.77 लाऽ टन दालों और तिलहन की खरीद को मंजूरी दे दी है। ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 3,920 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 6,000 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती है। राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और इससे ग्वारसीड का रंग फीका पड़ सकता है।
ग्वारसीड की कीमतों में 25 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और कीमतें 3,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। लेकिन राजस्थान की अन्य मंडियों में ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतें स्थिर रहीं। श्रीगंगानगर, बीकानेर और आसपास के क्षेत्र और कुछ हरियाणा के ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हिसार शामिल है, जहाँ नयी ग्वारसीड की आवक हो रही है। अधिक नमी और फीके रंग के कारण, नये ग्वारगम को 3,000-3,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बेचा गया। (शेयर मंथन, 30 सितंबर 2020)
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