हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है और आगामी दिनों में कीमतें 6,700-6,900 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक के हल्दी उत्पादक क्षेत्रों में हाल ही में हुई बारिश के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अधिक पानी और अधिक नमी के कारण हल्दी की कुल उत्पादकता को नुकसान पहुँचा है। स्टाकिस्ट सक्रिय हो रहे हैं और बुवाई क्षेत्र में कमी और बढ़ती माँग जैसे कारकों के कारण सक्रिय रूप से खरीद शुरू कर दी है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें 13,100-13,800 रुपये के दायरे में मजबूत हो सकती है। मौसम की स्थिति सहायक बनी हुई है और व्यापारी अगले महीने से थोक बाजारों में नयी आवक से पहले बड़ी मात्रा में खरीदारी करने से बच रहे हैं। आयात करने वाले देश और जीरे के निर्यातक ताजा आवक का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, पुराने जीरे का भंडार वर्तमान में राजस्थान राज्य में बहुत अधिक है। मुख्य मंडी जोधपुर, नागौर और मेड़ता में जीरे की आवक अभी भी अच्छी है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,000-6,400 रुपये के दायरे में तेजी के रुझान के साथ कारोबार कर सकती है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक ठंड के कारण धनिया की खड़ी फसल प्रभावित हुई है। मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, कुंभराज और राजस्थान के झालावाड़ की धनिया की फसलों को नुकसान की प्राथमिक रिपोर्ट मिल रही है। दूसरे, नये धनिया की फसल की आवक में तेजी आ रही है। व्यावसायिक गतिविधियाँ और आवक दोनों प्रत्येक दिन बढ़ रही हैं। कोटा और रामगंज मंडी में नयी फसल में 12-14% नमी की मात्रा है और कीमतें अधिक हैं। पुराने धनिया की आवक भी बढ़ गयी क्योंकि खरीदारों की माँग के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है और कर्नाटक एवं तमिलनाडु की मसाला मिलों की ओर से माँग ने कीमतों को स्थिर रखने में मदद की है। दुबई और खाड़ी देशों से कुछ विदेशी माँग का अनुमान है जिससे मसाले की कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 01 फरवरी 2021)
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