अंतरराष्ट्रीय बाजार से नकारात्मक संकेत पर सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 4,570-4,670 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
टेक्निकल बिकवाली के कारण अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों में गिरावट हुई है, लेकिन कीमतें एक बड़े दायरे में रही। दक्षिण अमेरिकी फसल की संभावनाओं को लेकर अनिश्चितता के कारण बाजार को मदद मिली। सीएफटीसी की साप्ताहिक रिपोर्ट के के अनुसार 26 जनवरी को समाप्त हफ्ते में बड़े सट्टेबाजों ने सीबोट में सोयाबीन में अपने शुद्ध लांग पोजिशन में कमी की है।
सोया तेल वायदा (फरवरी) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 1,085-1,105 रुपये के बड़े दायरे में कारोबार कर सकती है और सीपीओ वायदा (फरवरी) की कीमतें 965-985 रुपये के दायरे में मजबूत हो सकती है। सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार सीपीओ पर प्रभावी आयात शुल्क 35.75% (प्लस 5.50%) हो गया है, जबकि इसी समय सोया और सूर्यमुखी तेल पर आयात शुल्क 38.5% पर अपरिवर्तित रहा है। सरकार के इस फैसले से पॉम ऑयल का आयात करने में मदद मिलेगी और सोया और सूर्यमुखी तेल पर होने वाले अनुचित लाभ को हटाया जा सकेगा। कर वृद्धि से पाम ऑयल और अन्य खाद्य तेलों के बीच डड्ढूटी का अंतर कम होगा, जो भारत के पॉम ऑयल आयात को कम कर सकता है और संभावित रूप से मलेशियाई पॉम तेल की कीमतों पर दबाव डाल सकता है।
आरएम सीड वायदा (फरवरी) की कीमतों को 5,650 रुपये के पास सहारा रहने की संभावना है और निचले स्तर पर कुछ खरीदारी को सकती है। नयी फसल हाजिर बाजारों में आने लगी है और चूंकि पहले से ही पाइपलाइन में कमी है, इसलिए स्टॉकिस्ट नयी फसल खरीदने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। (शेयर मंथन, 02 फरवरी 2021)
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