हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,450-7,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हल्दी की खेती के क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और मजबूत घरेलू और निर्यात माँग के कारण कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।
जलवायु प्रतिकूलताओं और खराब गुणवत्ता के कारण, हल्दी उत्पादकों को कम पैदावार की आशंका हैं। तेलंगाना राज्य के सांगली यार्ड में हल्दी की बिक्री का असर, कीमतों पर पड़ रहा है। निजामाबाद यार्ड में हल्दी की आवक दोगुनी हो गयी, जिससे किसानों को उम्मीद थी कि बेहतर उपज मिलेगी। पिछले 15 दिनों से हल्दी की कीमत धीरे-धीरे 100 रुपये प्रति दिन बढ़ रही है। निजामाबाद हल्दी में करक्यूमिन महज दो प्रतिशत है और सांगली में राजपुरी किस्म में सात प्रतिशत है। निर्यातकों ने करक्यूमिन, जिसमें औषधीय गुण हैं, के लिए अधिक कीमतों की पेशकश की है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें 13,400 रुपये के पास सहारा लेते हुये 13,600-13,700 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। हाजिर बाजारों में, सभी जीरा किस्मों की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी है। रफ वेराइटी के जीरे की कीमतों 2,055-2,125 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है जबकि एनसीडीईएक्स क्वालिटी के जीरे की कीमतों 2,175-2,275 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है। बॉम्बे बोल्ड जीरे की कीमतों 2,450-2,540 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,550 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,800 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। धनिया की कीमतों में तेजी जारी है, क्योंकि राजस्थान में प्रमुख मंडियों में धनिया की कीमत में वृद्धि देखी गयी है। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में नयी फसल की आवक बढ़ी है, लेकिन राजस्थान में प्रीमियम गुणवत्ता वाले मसाले की उपलब्धता के कारण अन्य राज्यों में माँग बढ़ी है। (शेयर मंथन, 16 फरवरी 2021)
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