कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में तेजी का रुख जारी रहने की संभावना है और कीमतें 20,100 रुपये के पास सहारा के साथ यह 22,400-22,500 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के फिर से बढ़ने से कपास की माँग में वृद्धि होने और डॉलर सूचकांक के 3 साल के निचले स्तर 90.00 के करीब कारोबार करने से कमोडिटीज के महँगा होने के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें 2-1 प्रति 2 वर्षो के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं। लगता है कि ग्वारगम कॉम्प्लेक्स में गिरावट का दौर समाप्त हो रहा है और मौद्रिक सहजता नीतियों और संयुक्ता राज्य अमेरिका में कच्चे तेल के कम उत्पादन के कारण 13 महीनों से अधिक समय के उच्चतम स्तर पर पहुँची तेल की कीमतों में तेजी से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
ग्वारसीड (मार्च) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 3,820-3,875 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है, जबकि ग्वारगम (मार्च) की कीमतें 6,000-6,100 रुपये के दायरे में स्थिर रह सकती है। ग्वारगम और ग्वारसीड व्यापारी अमेरिका से निर्यात माँग की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इसमें तेजी नही आयी है। निर्यातकों की खराब माँग से ग्वारगम और ग्वारसीड की कीमतों को मदद नही मिली। निर्यातक ग्वारगम खरीदने के लिए उत्सुक नहीं थे क्योंकि उनके पास ग्वारगम पाउडर का पर्याप्त भंडार है। ग्वारगम मिलों के पास भी पर्याप्त स्टॉक है। इसलिए, बाजार में कम आवक से भी सेंटीमेंट प्रभावित हुआ।
चना वायदा (मार्च) की कीमतों को 4,880 रुपये के पास सहारा मिल रहा है और 5,000-5,050 रुपये तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में त्योहारी सीजन से पहले दाल और बेसन की आक्रामक माँग के कारण भाव में तेजी है। मौसमी रूप से यह चना दाल और बेसन के लिए अधिक माँग का सीजन है। लेकिन मिलें जो बहुत कम या बिना पाइपलाइन स्टॉक के काम कर रहे हैं, उन्होंने प्रमुख मंडियों में चना की कम उपलब्धता के कारण खुद को बहुत मुश्किल स्थिति में पाया। कम आवक के कारण चना उपलब्धता में कमी से हाजिर बाजार में कीमतें अब 4,650-4,750 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रही है। दाल और बेसन की माँग सकारात्मक बनी हुई है, अकोला हाजिर में चना दाल की कीमतें 6,100-6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रही है। (शेयर मंथन, 02 मार्च 2021)
Add comment