सोयामील की निर्यात माँग के कारण राष्ट्रीय एक्सचेंजों पर सोयाबीन वायदा की कीमतें इस साल बढ़त दर्ज करते हुये अब तक के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है।
लेकिन आगामी दिनों में सतर्क रहना चाहिये क्योंकि फंडामेंटल यह संकेत दे रहे हैं कि घरेलू बाजार में माँग कम हो रही है। अमेरिका और यूरोप से गैर-जीएमओ सोयाबीन मील की अच्छी माँग के साथ, ईरान को निर्यात में तेजी आने से अक्टूबर के बाद से सोयामील के निर्यात में उछाल आया है। 2020-21 में सोयामील का कुल निर्यात 15.63 लाख टन हुआ है जिसकी कुल कीमत 5,825.40 करोड़ रुपये रही है जबकि 2019-20 के दौरान 6.92 लाख टन का निर्यात हुआ था जिसकी कुल कीमत 5 2,185 करोड़ रही है। आगामी दिनों में कीमतों में 7,600-7,700 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
सरसों वायदा की कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी की जा सकती है और कीमतें तेजी के रुझान के साथ 7,200-7,300 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती हैं। यह बताया गया है कि दक्षिण कोरिया और इसके बाद थाईलैंड और बांग्लादेश की ओर से अधिक खरीद के कारण रेपसीड भोजन का निर्यात एक लाख टन को पार कर गया। 2020-21 के दौरान रेपसीडमील का निर्यात 11.13 लाख टन हुआ है जिसकी कुल कीमत 2,019.20 करोड़ रुपये है।
सोया तेल वायदा (मई) की कीमतों में 1,420-1,425 रुपये तक बढ़ोतरी होने की संभावना है और सीपीओ वायदा (मई) की कीमतों के 1,120-1,125 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। आपूर्ति में कमी की आशंका से मलेशियन पॉम तेल की कीमतों में कल 3% की बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 22 अप्रैल 2021)
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