एमसीएक्स पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें 23,800-23,900 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँच सकती हैं।
घरेलू बाजार में, कताई मिलों की ओर से बढ़ती माँग और किसानों के पास लगभग कोई स्टॉक नहीं होने के कारण कपास की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि स्टॉकिस्ट कम कीमत पर नहीं बेच रहे हैं। सीसीआई बिक्री मूल्य बढ़ा रहा है, इसलिए राज्यों की मंडियों में कपास की कीमतें बढ़ रही हैं। मिलों को अगले दो से ढाई महीने की खपत के लिए कपास के स्टॉक की जरूरत है। मंगलवार को आईसीई कॉटन वायदा की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी है क्योंकि टेक्सास में प्रतिकूल मौसम के कारण बुआई के बाधित होने की आशंका से कीमतों को मदद मिली जबकि डॉलर के कमजोर होने से भी कीमतों को मदद मिली। आईसीई कॉटन दिसंबर की कीमतें 2.4% बढ़कर 85.33 सेंट प्रति पौंड हो गयी। इसने 83.32 और 85.44 सेंट प्रति पाउंड के दायरे में कारोबार किया।
ग्वारसीड और ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों में क्रमशः 4,140-4,120 रुपये और 6,330-6,300 रुपये के स्तर तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। हाल के दिनों में, देशव्यापी तालाबंदी के कारण ग्वारगम निर्यात में गिरावट हुई है, जिसने औद्योगिक गतिविधियों को बाधित किया है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की माँग धीमी हुई है। दूसरे, गुजरात कृषि विभाग के नवीनतम आँकड़ों से पता चलता है कि इस सीजन में 10 मई तक बुवाई का रकबा पिछले साल के 1,702 की तुलना में 1,807 हेक्टेयर हो गया है।
चना वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 5,200-5,270 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2020-21 में चना उत्पादन 2019-20 में 11.1 मिलियन टन से बढ़कर 12.6 मिलियन टन होने की उम्मीद है। दूसरे, लॉकडाउन प्रतिबंधें के कारण घरेलू बाजारों में चने की माँग कमजोर है। (शेयर मंथन, 02 जून 2021)
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