अंतरराष्ट्रीय बाजार से सकारात्मक संकेत के कारण एमसीएक्स पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों में 24,500-24,600 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
डॉलर के कमजोर होने और प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण फसल के नुकसान की चिंता से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें एक सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। कॉटन दिसंबर की कीमतें 0.99 प्रतिशत या 1.2% बढ़कर 86.63 सेंट प्रति पौंड पर बंद हुई, जो पहले 16 जून के बाद 86.88 सेंट के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी।
ग्वारसीड वायदा (जुलाई) की कीमतों के 4,125 रुपये से नीचे ही रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जुलाई) की कीमतों को 6,390 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। हाजिर बाजारों में इन काउंटरों में गिरावट बढ़ रही है क्योंकि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में हुई बारिश ने अच्छी बुवाई की उम्मीद जगा दी है। बिकवाली के दबाव के बीच कीमतों में गिरावट हुई है क्योंकि स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक को बेचने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
मेंथा तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों में तेजी दिख रही है और फसल खराब होने की खबरों पर यह 1,100-1,120 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। इस बार खेत में पानी रुकने से फसल सड़ने से किसान मायूस हैं। पिछले कुछ सप्ताह दर्दनाक रहे हैं क्योंकि मानसून से पहले के मौसम में भारी बारिश ने मेंथा की फसल को नुकसान पहुँचाया है जो कि कटाई के लिए तैयार थी। पानी में डूबने के कारण पक्तियाँ मुरझाने लगी हैं। फसल की कटाई के साथ ही तेल निकालने का काम भी शुरू हो गया है। लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल ऐंड एरोमैटिक प्लांट्स का अनुमान है कि पिछले दो हफ्तों में फसल पर बारिश के इस प्रतिकूल प्रभाव के कारण उत्पादन में 30% की कमी आने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 24 जून 2021)
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