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कॉटन में तेजी का रुझान, चने की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

बुवाई की धीमी गति और मिलों की ओर से अधिक माँग के कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतें तेजी का रुझान के साथ 25,000-25,100 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँच सकती है।

व्यापारियों ने कहा कि हाजिर बाजारों में कपास की आवक 5,000 बेल आंकी गयी थी, जो शुक्रवार से 500 बेल (1 बेल=170 किलोग्राम) कम है। गुजरात में आवक 5,500 बेल से घटकर 5,000 बेल रह गयी। महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक और ओडिशा जैसे अन्य केंद्रों में आपूर्ति नहीं है क्योंकि यह आवक सीजन का अंत है। गुजरात में, शंकर-6 किस्म की कीमतें 50,300-52,300 रुपये प्रति कैंडी (1 कैंडी=355.62 किलोग्राम) के दायरे में रही, जो शुक्रवार से 300 रुपये अधिक है जबकि 29-30 मिमी किस्म को महाराष्ट्र में 50,500-52,500 रुपये प्रति कैंडी पर बेचा गया था।

ग्वारसीड वायदा (जुलाई) की कीमतों को 3,950 रुपये के करीब सहारा रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जुलाई) की कीमतों के 6,150-6,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। ओपेक प्लस ने अगले महीने और अधिक रुके हुये उत्पादन को वापस लाने के लिए एक सौदे तक पहुँचने के बिना ओपेक प्लस की बातचीत के समाप्त होने के बाद तेल 76 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ गया। सोमवार को कोई समझौता नहीं होने के बाद न्यूयॉर्क में तेल वायदा शुक्रवार के बंद भाव से 1.5% बढ़ा है। उत्पादन में कटौती को मापने के तरीके पर असहमति ने उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक अस्थायी सौदे को बरकरार रखा और सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक सार्वजनिक विवाद में बदल गया। ओपेक प्लस की अगली बैठक की तारीख पर भी कोई समझौता नहीं हुआ।

केंद्र सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उठाये गये कदमों की खबरों के कारण चना वायदा (जुलाई) की कीमतों में 4,700-4,600 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। शुक्रवार को केंद्र ने निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों (संशोधन) आदेश 2021 के तहत स्टॉक सीमा और आवाजाही पर प्रतिबंध लागू किया, जिसमें थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और दालों के आयातकों पर स्टॉक सीमा लागू की गयी है। आदेश के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर तक मूंग को छोड़कर सभी दालों के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गयी है। (शेयर मंथन, 06 जुलाई 2021)

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