कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें कल 1.6% की गिरावट के साथ बंद हुई। उत्तरी भारत में नये सीजन की कपास की आवक हो रही है, जबकि तूफान इडा के कारण, अमेरिका में कपास उत्पादक क्षेत्र में बारिश हुई है, नमी की स्थिति में सुधार के कारण अमेरिकी कपास की कीमतों में भी गिरावट हुई है।
अब कीमतों के 26,000 रुपये के अड़चन के साथ 25,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। महाराष्ट्र में अगले महीने से नयी फसल की आवक शुरू हो जायेगी, जबकि राज्य की मिलों के पास कपास का पर्याप्त भंडार है इसलिए फिलहाल सीमित मात्रा में कपास खरीद रहे हैं। कीमतें अभी स्थिर रह सकती हैं, लेकिन भविष्य में स्थिर रहेंगी। इस खरीफ सीजन में अभी तक कपास की बुआई 117.42 लाख हेक्टेयर रह गयी है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 128.41 लाख हेक्टेयर थी। लेकिन सभी राज्यों में फसल की स्थिति अच्छी है और पिछले कुछ वर्षों में सबसे कम कैरीओवर स्टॉक के साथ उत्पादन 360 लाख गांठ होने की उम्मीद है।
मजबूत फंडामेंटल के कारण ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में कल 2% की उछाल दर्ज की गयी। कीमतों में 6,500 रुपये तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। फीड सेक्टर से माँग बढ़ने और किसानों के पास स्टॉक कम होने से बढ़ोतरी की उम्मीद है। पशुओं के चारे के लिए इसके डेरिवेटिव चुरी और कोरमा के लिए ग्वारसीड की माँग बढ़ रही है क्योंकि अन्य चारा विकल्प की कीमतें अधिक हैं। अनियमित और कम बारिश के कारण ग्वारसीड का रकबा सरकार के 24 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य से कम रहने की उम्मीद है।
उच्च स्तर पर मुनाफावसूली के कारण अरंडी (सितंबर) वायदा की कीमतें पिछले कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुई हैं। अब कीमतों में 6,200 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,700 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। गुजरात में अपर्याप्त बारिश के कारण इस साल अरंडी का उत्पादन कम हो सकता है। जून के महीने में अरंडी के तेल का निर्यात एक महीने की तुलना में बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 81,750 टन पर पहुँच गया है। 2021 के पहले 6 महीने में, भारत पिछले साल के 3 लाख टन की तुलना में 3.6 लाख टन अरंडी के तेल का निर्यात किया है। (शेयर मंथन, 31 अगस्त 2021)
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