कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें पिछले सप्ताह थोड़ा बढ़कर 25,870 रुपये पर बंद हुई क्योंकि अमेरिकी कपास की कीमतें 93 सेंट प्रति पाउंड से अधिक हो गयी हैं।
नये सीजन कपास की अच्छी माँग के कारण कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 25,000-26,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। यूएसडीए की अपनी नवीनतम मासिक रिपोर्ट में, भारत में कपास का उत्पादन 1.72% घटकर 28.5 मिलियन गांठ (480 पौंड गांठ) रह गया है। अगले महीने से कई राज्यों की मंडियों में नये कपास की आवक बढ़ जायेगी। 10-सितंबर-21 तक, सरकार ने 11.95 मिलियन हेक्टेयर में कपास की बुआई होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 5.8% कम है, और पाँच साल के औसत से 3% कम है।
नयी खरीदारी के कारण ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले हफ्ते 12 फीसदी से ज्यादा की तेजी दर्ज की गयी। यदि कीमतें 6,850 रुपये के तत्काल रुकावट को पार करती है तो 7,000 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती है जबकि कीमतों को 6,000 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। वर्तमान में कम उत्पादन और ग्वारगम डेरिवेटिव के लिए अच्छी घरेलू और निर्यात माँग के पूर्वानुमान पर कीमतें 8 साल के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है। सितंबर में बारिश का अनुमान है जिससे राजस्थान में कुछ हद तक ग्वारगम उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकत है फिर भी लगातार चौथे वर्ष उत्पादन कम रहने का अनुमान है। अगस्त के अंत तक ग्वारगम का रकबा पिछले साल 25 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर रह गया है।
मौजूदा खरीफ सीजन में तेल मिलों की ओर से अच्छी माँग और कम उत्पादन क्षेत्र के कारण अरंडी बीज (अक्टूबर) वायदा की कीमतें लगातार छठे सप्ताह बढ़त के साथ बंद हुई। हमें उम्मीद है कि कीमतें 6,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,500 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज कर सकती है। गुजरात में, अरंडी के बीज की बुआई सामान्य क्षेत्र का केवल 72% में हुई हैं, जिससे अगले सीजन के लिए उत्पादन कम हो सकता है। गुजरात में 06 सितम्बर तक अरंडी का रकबा पिछले साल के 5.2 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 4.6 लाख हेक्टेयर रह गया है। निर्यात माँग और अरंडी के तेल के लिए निरंतर औद्योगिक उपयोग से कीमतों में तेजी बनी रहेगी। (शेयर मंथन, 13 सितम्बर 2021)
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