भारी बिकवाली के कारण हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले दो दिनों में 7% की गिरावट के बाद कल काफी कम दायरे में कारोबार हुआ है।
अब कीमतों के 7,000-7,700 रुपये के दायरे में सीमित करने की संभावना हैं। आंध्र प्रदेश में प्रमुख हाजिर बाजार निजामाबाद में, कीमतें कल 0.12% कम होकर 7,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश हुई है और अगले सीजन में अच्छे उत्पादन की उम्मीद है। 2021 के पहले 6 महीनों में, हल्दी का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3% कम होकर 77,300 टन हो गया, लेकिन आने वाले महीनों में यह अधिक हो सकता है।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 0.8% की रिकवरी हुई है। कीमतें 14,500-15,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। व्यापारियों और किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक के कारण उच्च स्तर पर कीमतों पर दबाव रह सकता है। सितंबर से नवंबर के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य बारिश के पूर्वानुमान से गुजरात और राजस्थान में जीरा की बुवाई में बढ़ोतरी हो सकती है। 2021 (जनवरी-जून) में, देश ने पिछले साल की समान अवधि के 1.3 लाख टन की तुलना में 1.50 लाख टन से अधिक जीरा निर्यात किया है। नयी खरीदारी के कारण धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है। अब यदि कीमतें 8,030 रुपये के बाधा स्तर को पर करती है तो 8,200 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। पिछले दो दिनों में राजस्थान के कोटा में हाजिर कीमतों में 2% की गिरावट हुई है क्योंकि मौजूदा कीमतों पर माँग कम हुई है। थोक खरीदार और मसाला मिल मालिक बड़ी खरीदारी से परहेज कर रहे हैं।
बुधवार को देश भर की मंडियों में 67 हजार बोरी (40 किलोग्राम) धनिया की आवक हुई। अगस्त में, शुष्क मौसम के कारण कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन मानसून की बारिश फिर से शुरू होने से कीमतों पर दबाव पड़ा है। अप्रैल-जून अवधि के दौरान धनिया का निर्यात 11% कम होकर पिछले वर्ष के 15,650 टन के मुकाबले 13,800 टन हुआ है लेकिन समान अवधि में 5 साल के औसत की तुलना में 14.7% अधिक है। (शेयर मंथन, 16 सितम्बर 2021)
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