फसल कटाई के मौसम में बारिश के कारण कपास उत्पादन के नुकसान की आशंका के कारण कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह 8% से अधिक की उछाल दर्ज गयी है और कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 29,090 रुपये पर पहुँच गयी।
अब कीमतें 2,83,560 पर सहारा के साथ 29,500 रुपये तक बढ़ सकती है। उतर भारत पिंक बॉल कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके अलावा, इसके अलावा, सीसीआई ने पिछले बुधवार को कपास की बिक्री की अपनी दरों में 200 रुपये प्रति कैंडी की वृद्धि की और इस तरह पिछले हफ्ते में 700 रुपये की बढ़ोतरी की है।
पिछले सप्ताह ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में उतार-चढ़ाव रहा और उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली देखी गयी। अब कीमतों के 5,700-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। ग्वारगम के कम उत्पादन क्षेत्र और ग्वारगम की लगातार निर्यात माँग से कीमतों को समर्थन मिल सकता है, लेकिन आवक सीजन के कारण कीमतों की बढ़त सीमित रह सकती है। चालू सीजन में राजस्थान में ग्वारगम का रकबा पिछले साल की तुलना में लगभग 4 लाख हेक्टेयर कम होकर 21 लाख हेक्टेयर रह गया है। यह लगातार चौथे साल कम उत्पादन क्षेत्र है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण अक्टूबर में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
अरंडी सीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह लगभग 2% की गिरावट हुई है और अब कीमतों के 6,070 रुपये पर सहारा और 6,200 पर अड़चन के साथ 6,000-6,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। सितंबर में देर से हुई मानसूनी बारिश गुजरात में अरंडी क्षेत्र के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश देर से बोई गयी अरंडी की फसल को प्रभावित कर सकती है। एसईए के अनुसार जुलाई और अगस्त 2021 में अरंडी तेल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम रहा लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि में निर्यात पिछले साल के 2.9 लाख टन की तुलना में 3.2 लाख टन हुआ है। (शेयर मंथन, 04 अक्टूबर 2021)
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