विदेशी बाजरों में नरमी के रुझान के कारण कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल गिरावट हुई है।
अब कीमतें 32,000 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 32,500 रुपये स्तर तक पहुँच सकती है। बाजारों में कपास की आवक बढ़ने लगी है। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में अभी आवक कम हो रही है। इस बीच, सीसीआई ने कपास की बिक्री की दरों में 300 रुपये प्रति कैंडी की कटौती की, जबकि उत्पादन पर चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की उच्च माँग के कारण मौजूदा कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55%-60% अधिक हैं। वैश्विक स्तर पर कपास का शेष बचा स्टॉक भी कम है, जबकि चीन की ओर से आयात माँग अधिक बनी हुई है। 2021-22 में सीएआई ने कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 7 लाख गांठ बढ़ाकर 360.13 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई। नवंबर में नये सीजन की आवक के कारण कीमतों में लगभग 15% की गिरावट हुई है, लेकिन कम उत्पादन, कई वर्षो में सबसे कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की उम्मीद पर अभी भी कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 40% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल 0.8% की गिरावट के साथ बंद हुई है। कीमतें 6,430 रुपये के स्तर पर सहारा और 6,560 रुपये के स्तर बाधा के साथ एक दायरे में कारोबार कर सकती है। गुजरात में अधिक क्षेत्र के कारण, आने वाले सीजन में अधिक उत्पादन की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों में कैस्टर मील का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 16% बढ़ा है, जबकि कैस्टर ऑयल का निर्यात जुलाई-अगस्त 2021 के लिए वर्ष-दर-वर्ष कम है लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि के लिए अधिक है। (शेयर मंथन, 24 नवंबर 2021)
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