सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल सपाट बंद हुई है। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और मुनाफा वसूली के कारण अमेरिकी सोयाबीन की कीमतें लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुई।
अब यदि कीमतें 6,300-6,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। इस साल अच्छे उत्पादन के अनुमान के बावजूद किसान अधिक कीमतों की उम्मीद में अपनी फसल रोक रहे हैं। और काफी कम मात्रा में बिकवाली कर रहे हैं। इसी तरह प्लांट और स्टॉकिस्ट भी तेजी की उम्मीद में खरीदारी कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में 15 लाख टन हुई है। सोयाबीन की घरेलू माँग में बढ़ोतरी हो रही है जबकि खाद्य तेल का आयात घट रहा है। यूएसडीए की नवंबर मासिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। खाद्य तेल की कीमतों में कल रिकवरी हुई है। सीबोट में सोया तेल की कीमतों में तेजी के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल उछाल दर्ज की गयी। इसके अलावा, कमजोर रिंगिट से भी पॉम तेल की कीमतों को मदद मिली है क्योंकि यह विदेशी मुद्रा धारकों के लिए अधिक आकर्षक हो जाता है। 1-20 नवंबर के दौरान मलेशियाई पॉम तेल उत्पादों का उत्पादन एक महीने पहले की समान अवधि की तुलना में 0.35 प्रतिशत बढ़ा है। एसईए के मासिक आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है। 2020-21 में भारत का पॉम तेल आयात एक साल पहले की तुलना में 15.2% बढ़कर 8.32 मिलियन टन हो गया, जबकि सोया तेल का आयात 15% गिरकर 2.87 मिलियन टन हो रह गया।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,230-1,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,120-1,140 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 25 नवंबर 2021)
Add comment