कल कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
अब कीमतों के 36,100-37,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 71% अधिक हैं जबकि पिछले एक महीने में 10.6% बढ़ी है। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बेल कर दिया गया है।
मुनाफा वसूली के कारण ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल 1% की गिरावट हुई है। कीमतों के 6,160-6,400 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 56% अधिक हैं। नवम्बर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 33% बढ़कर 24,150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-नवम्बर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 44.4% बढ़कर 2.09 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुई है और अब कीमतों के 6,270-6,450 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर-वर्ष 42% अधिक है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाऽ टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात कम हुआ है। सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-नवंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 32% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 25 जनवरी 2022)
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