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हल्दी में गिरावट, जीरे की कीमतों में 20,600-21,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

बिकवाली के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें शुक्रवार को 1.8% की गिरावट के साथ बंद हुई और कीमतों के 10,050 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 9,700 रुपये तक गिरावट दर्ज करने की संभावना है।

सुस्त माँग और नयी फसल की आवक के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। तेलंगाना में बेंचमार्क निजामाबाद बाजार में शुक्रवार को 13,000 बैग की आवक आंकी गयी थी। वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन की उम्मीद पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 28.3% अधिक हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसम्बर) में पिछले साल के मुकाबले 20.7% घटकर 1,16,400 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.8% अधिक है।

जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में शुक्रवार को 0.6% की गिरावट हुई है। अब कीमतों के 20,600-21,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, गुजरात के प्रमुख बाजारों में कीमतों में तेजी के कारण आवक में सुधार हुआ है। ऊँझा में आवक पिछले सप्ताह के दौरान औसतन 10,000-12,000 रुपये की तुलना में बढ़कर 15,000 बैग हो गयी। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 54% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। राजस्थान में भी रकबे में लगभग 30% की गिरावट आयी है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 24% घटकर 1.74 लाख टन रह गया है, जो पिछले वर्ष 2.30 लाख टन हुआ था।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें शुक्रवार को सपाट बंद हुई। कम उत्पादन के अनुमान से रुझान सकारात्मक नजर आ रहा है। कीमतों को 10,900 रुपये के स्तर पर रुकावट है और कीमतें यदि इस स्तर को पार करती है तो 11,200 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की उम्मीद है। सहारा 10,700 रुपये पर है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे और उत्तर भारत में शीत लहर के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 67.2% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 23.4% अधिक हैं। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर की अवधि के दौरान निर्यात पिछले साल के 43,100 टन से 13% घटकर 37,500 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 14 फरवरी 2022)

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