उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल 2% से अधिक की गिरावट हुई है।
अधिक कीमतों पर मिलों की ओर से कम माँग के कारण कीमतों में गिरावट हुई है। कीमतें 37,070-38,100 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 70.8% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 9.1% बढ़ी है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत कपास का उत्पादन पहले अनुमान के 362 लाख बेल की तुलना में 340 लाख बेल होने का अनुमान लगाया है। इसके पहले सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख बेल घटाकर के 348.13 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बेल कर दिया गया है।
मुनाफा वसूली के कारण ग्वारसीड वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 2.4% की गिरावट के साथ बंद हुई। कीमतों के 6,250 रुपये पर बाधा के साथ 6,050 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 62.1% अधिक हैं। दिसम्बर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 34.3% बढ़कर 32,420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसम्बर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.4% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया।
बिकवाली के कारण कैस्टरसीड वायदा (मार्च) की कीमतें कल 2% से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुई। इसके पहले पिछले हफ्ते कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 7,248 पर पहुँच गयी थी। अब कीमतें 7,050 रुपये पर बाधा के साथ 6,850 रुकावट के स्तर पर पहुँच सकती है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर-वर्ष 61.5% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-दिसम्बर के दौरान अरंडी तेल का निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर 5.15 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 4.64% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 22 फरवरी 2022)
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