विश्व बाजार में तेजी के रुझान के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में सोमवार को 1.3% कीबढ़ोतरी हुई है।
कीमतें 36,500 रुपये पर सहारा के साथ 37,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 66.7% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 9.1% बढ़ी है। सीएआई ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में 2021-22 के लिए अपने कपास उत्पादन को 5.00 लाख गांठ घटाकर के 343.13 लाख गांठ (1 गांठ 170 किलोग्राम का) कर दिया है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रह गयी, जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत कपास का उत्पादन पहले अनुमान के 362 लाख बेल की तुलना में 340 लाख बेल होने का अनुमान लगाया है। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बेल कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (मार्च) की कीमतों में सोमवार को 1.1% की गिरावट के साथ बंद हुई। कीमतें 5,850-5,990 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 53.6% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 रुपये अधिक है। दिसंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 32% बढ़कर 32,420 रुपये टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.6% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया। कच्चे तेल की ऊँची कीमतें और अमेरिका में रिग काउंट में बढ़ोतरी ग्वारगम की माँग के लिए अच्छी खबर है और आने वाले हफ्तों में कीमतों को सहारा मिल सकता है।
कैस्टरसीड वायदा (मार्च) की कीमतें सोमवार को 2.3% की बढ़त के साथ बंद हुई। लेकिन हाजिर बाजारों में नयी आवक के कारण कीमतों पर दबाव है। अब कीमतें 6,940-7,250 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 54% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने
अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-दिसम्बर के दौरान अरंडी तेल का निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर 5.15 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 4.64% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 02 मार्च 2022)
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