अच्छी भौतिक माँग और कमजोर आपूर्ति के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही।
यदि कीमतें अपने रुकावट स्तर को पार करती हैं तो कीमतें 40,000 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती हैं। वर्तमान में बाधा 38,630 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर है और 36,120 रुपयो पर सहारा है। उत्पादन में कमी की आशंका, धीमी आवक, बेहतर घरेलू और निर्यात माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 71.2% अधिक हैं और नये साल में लगभग 11.2» बढ़ी है। मार्च की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन अनुमान को पफरवरी 2022 में अनुमानित 120.2 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 119.9 मिलियन गांठ (यूएस गांठ=218 किलोग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर कपास का अंतिम स्टॉक अब पिछले महीने की तुलना में 1.7 मिलियन गांठ कम होकर 82.57 मिलियन गांठ रह सकता है। भारत में कपास का उत्पादन लगातार दूसरे महीने 5,00,000 गांठ घटकर 26.50 मिलियन गांठ रहने का अनुमान है। पत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रहने का अनुमान है जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से देश में कपास उत्पादन को घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है।
ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतें लगातार दूसरे सप्ताह तेजी के साथ बंद हुई और अब तत्काल सहारा 5,800 रुपये पर है और कीमतें 7,000 रुपये के स्तर तक कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, पिछले 5 वर्षों में सबसे कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 60.4% अधिक हैं। तेल-रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 रुपये अधिक है। एपीडा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 5% बढ़कर 22,300 टन हो गया है, जबकि 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 38.4% बढ़कर 2.64 लाख टन हुआ है।
अरंडी वायदा (अप्रैल) का कारोबार पिछले सप्ताह काफी कम दायरे में हुआ और कीमतों को अब तक उच्चतम स्तर 7,460 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ कारोबार हुआ। कीमतों में अभी भी तेजी का रुझान है और उम्मीद है कि कीमतें 7,600 रुपये तक बढ़ सकती है। अधिक माँग और कम उत्पादन अनुमान के कारण वर्तमान में अरंडी की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50.4% अधिक हैं, जबकि इस वर्ष कीमतों में 21.2% से अधिक की वृद्धि हुई है। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन से लगभग 8.5 प्रतिशत कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल उत्पादन 13.45 लाख टन हुआ था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात पिछले साल के निर्यात 5.06 लाख टन के बराबर है। लेकिन इसी अवधि के दौरान कैस्टरमील का निर्यात 8.28% कम हुआ है। (शेयर मंथन, 14 मार्च 2022)
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