कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी होने के कारण तेल की कीमतों लगातार चौथे दिन गिरावट हुई है, जबकि फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती को तेल बाजार पर कोई असर नहीं हुआ। अमेरिकी केन्द्रीय बैंक ने इस वर्ष तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती की, लेकिन यह भी संकेत किया कि जब तक अर्थव्यवस्था बुरे दौर से नहीं गुजरती है तब तक ब्याज दरों में अब कोई कटौती नहीं की जायेगी।
कच्चे तेल की कीमतें 3,950 रुपये पर बाधा के साथ 3,890 रुपये स्तर पर पहुँच सकती है। ईआईए के अनुसार 25 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 57 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि डिलिवरी हब कुशिंग, ओक्लोहामा, में कच्चे तेल के भंडार में 16 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन डिस्टीलेट के भंडार में लगातार छठे हफ्ते 10 लाख बैरल की गिरावट हुई है, जबकि अनुमान 24 लाख बैरल की गिरावट का था।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है और कीमतों में 190 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 195 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती हैं। (शेयर मंथन, 31 अक्टूबर 2019)