कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,890 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 2,780 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
डॉलर के मजबूत होने औश्र यूरोप में नये लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की माँग में कमी की संभावना आज तेल की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। एक विभाजित कांग्रेस संभवतः जलवायु परिवर्तन से लड़ने या तेल उत्पादक ईरान पर प्रतिबंधें को कम करने जैसी प्रमुख प्राथमिकताओं को लागू करने से रोक सकती है। इटली में कल एक दिन में सबसे अधिक संक्रमण दर्ज किया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले सप्ताह एक दिन में कोविड-19 के 100,000 नये मामलों को पीछे छोड़ दिया जो एक रिकॉर्ड है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों और उसके सहयोगियों के संगठन, जिसे ओपेक प्लस कहा जाता है, ने जनवरी में आपूर्ति में प्रति दिन 2 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी में देरी करने की संभावना व्यक्त की है। लेकिन अमेरिका और यूरोप के कई देशों में कोविड-19 के संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक के साथ तेजी रह सकती है और कीमतों में 217 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 224 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन का अनुमान है कि मौजूदा सर्दी के मौसम में अधिक ठंड और लोगों के अपने घरों को गर्म रखने के कारण गैस की माँग पिछले साल की तुलना में 5% अधिक होगी। (शेयर मंथन, 06 नवंबर 2020)