कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। कीमतों को 5,440 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 5,360 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
तेल की कीमतों में आज लगातार चौथे दिन बढ़ोतरी हुई है और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है क्योंकि निवेशकों ने जोखिम वाली संपत्तियों की अधिक माँग और महामारी से उबरने की अधिक संभावना के बीच कच्चे तेल की कम आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित किया। ईआईए के आँकड़ों से पता चलता है कि यात्रा प्रतिबंधें में ढील के बाद ईंधन की अधिक माँग के संकेत के रूप में ईस्ट कोस्ट रिफाइनरी उपयोग दर बढ़कर 93% हो गयी, जो मई 2019 के बाद से उच्चतम दर है। जबकि दो तूफानों के बाद मेक्सिको की खाड़ी में तेल उत्पादन में बाधा बनी हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका में दो तूफानों से होने वाले नुकसान के बाद तेल भंडार लगभग तीन वर्षों में सबसे कम हो जाने से भी तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगियों के कुछ सदस्य, जिन्हें ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, ने भी 100 वर्षों में सबसे अधिक वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान कम निवेश या रखरखाव के काम में देरी के बाद उत्पादन बढ़ाने के लिए कोशिश कर रहे है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 363 रुपये के स्तर पर सहारा और 376 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 24 सितम्बर 2021)