नंदीप वैद्य, प्रेसिडेंट (ब्रोकिंग), आईआईएफएल
शेयर बाजार के कुछ महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तरों के ऊपर चले जाने के अतिउत्साह में यह नहीं भूलना चाहिए कि घरेलू संस्थागत निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा तेजी की बहुत बड़ी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरादारी है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों का काफी पैसा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिये आ रहा है। आम तौर पर यह पैसा बड़ी कंपनियों के शेयरों में लगता है। जो आम निवेशक मौजूदा तेजी का फायदा उठाने से चूक गये हैं, वे अच्छे आईपीओ या म्युचुअल फंड के जरिये बाजार में निवेश कर सकते हैं।
अगर एफआईआई निवेश इसी तरह जारी रहा तो बाजार में अभी थोड़ी और तेजी आ सकती है। लंबी अवधि में भारत की संभावनाएँ काफी अच्छी हैं। लेकिन निवशकों को मौजूदा तेजी से थोड़ा सावधान रहना चाहिए, क्योंकि यह तेजी बहुत तेज रफ्तार से आयी है। (शेयर मंथन, 27 सितंबर 2010)
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