
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज घोषित अपनी मौद्रित नीति में रेपो दर में 0.25% की कटौती की है। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के एमडी एवं सीईओ संजय अग्रवाल ने आरबीआई के रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा और मौद्रिक नीति रुख को तटस्थ से उदार में बदलने को स्वागत योग्य कदम कहा है।
हाल ही में टैरिफ घोषणाओं से पैदा हुए भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता का विकास पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है, भले ही भारत कुछ अन्य देशों की तुलना में अछूता रहेगा। मगर, इन भूकंपीय वैश्विक परिवर्तन के प्रति आरबीआई की संवेदनशीलता और सतर्कता का प्रदर्शन सांत्वना देने वाला है।
आगे बढ़ते हुए, सामान्य मानसून और नरम कमोडिटी कीमतों के चलते वित्त वर्ष 2025-25 के लिए अनुकूल मुद्रास्फीति दृष्टिकोण नीतियों में ढील को बढ़ाने की संभावना बढ़ाता है। बैंकों के लिए ब्याज दरों में कटौती की संभावना के साथ-साथ हाल ही में तरलता में सुधार और आरबीआई द्वारा विकास के लिए पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराने का आश्वासन अच्छा है। इससे अर्थव्यवस्था में समग्र रूप से ब्याज दरों को कम करने, ऋण-जमा संतुलन और समग्र विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। संक्षेप में कहें तो, वैश्विक उथल-पुथल के बीच हम लंबी अवधि में व्यापक (मैक्रो) स्थिरता पर नीति को केंद्रित करने का स्वागत करते हैं।
(शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2025)
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