राजेश तांबे
संस्थापक, नोमाडजिला फाइनेंशियल्स
जून 2023 तक, यानी अगले छह महीने में सेंसेक्स 63,000-64,000 के आस-पास होगा। दिसंबर 2023 तक सेंसेक्स 65,000-66,000 के आस-पास रहेगा, क्योंकि 2024 में हमारे देश में आम चुनाव होंगे।
देश में जब आम चुनाव आते हैं तो विदेशी निवेशक देश में राजनीतिक अस्थिरता की संभावना देखते हैं। पर इस समय देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल नहीं है, क्योंकि अभी तो हमारे देश में विपक्ष है ही नहीं। इसलिए आम चुनाव के बाद मौजूदा आर्थिक नीतियाँ ही जारी रहेंगी। उसके बाद वहाँ से असली विकास देखने को मिलेगा। लेकिन कोरोना जैसी कोई प्राकृतिक आपदा भारत या दुनिया में नहीं आती है, तभी हमें विकास देखने को मिलेगा।
अगर कुछ गलत नहीं होता है तो 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर लगभग 7% रहने वाली है, जो अगले वित्त-वर्ष में बढ़ कर 7.5% से 8% के बीच में कहीं आनी चाहिए। मेरे हिसाब से इस साल के लिए 7% से 7.2% अच्छी विकास दर है। कुछ क्षेत्र अब भी ऐसे हैं, जिनकी चाल धीमी बनी हुई है।
हमारा सबसे बड़ा सकारात्मक पक्ष यह है कि हमने कोविड का सामना सफलतापूर्वक किया है। हमारे मुकाबले अमेरिका और यूरोप जैसे दुनिया के विकसित देश भी उस तरह से नहीं कर सके। दूसरा सबसे बड़ा सकारात्मक पक्ष है कि हमने अपने देश में कोरोना का टीका (वैक्सीन) बनाया और बड़े पैमाने पर दुनिया के दूसरे देशों को निर्यात भी किया। हमारे टीके उनके टीकों से अधिक श्रेष्ठ रहे हैं। इसके साथ ही हमने देश में काफी बड़े स्तर पर लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल किया है, तकरीबन 130 करोड़ की आबादी में टीकाकरण हो सका है।
इसके अलावा कुछ क्षेत्र हैं, जो बड़ा अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने जिस तरह से बुनियादी क्षेत्र में निवेश किया है, वह सराहनीय है। उड़ान के अंदर हमने नये हवाई-अड्डे बना रहे हैं। पिछली सरकारों की आलोचना न करते हुए मैं यह कहना चाहता हूँ कि उनकी ये सोच थी कि अगर आप उन्नत ट्रेनें चलायें तो लोग उसका खर्च वहन नहीं कर सकेंगे। लेकिन मौजूदा सरकार ने जो वंदे भारत जैसी ट्रेनें चलायी हैं, उससे एक यह सोच निकल कर आई है कि लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे हैं, आपको उन्हें उस तरह की सेवाएँ देनी होंगी। आप उस तरह का ढाँचा तैयार कीजिए, उन्हें सेवाएँ दीजिए और लोग उसके लिए खर्च करने को तैयार हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर में जिस तरह से कॉरिडोर से शहरों को जोड़ा गया है, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
मुझे नहीं लगता कि अभी बाजार के सामने कोई समस्या है। इन्होंने आय कर (इन्कम टैक्स) को बड़ा अच्छा कर दिया है। अप्रत्यक्ष करों (इनडायरेक्ट टैक्स) का, जीएसटी का बहुत अच्छा संग्रह हुआ है। जीएसटी ने करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये मासिक का आँकड़ा छू लिया है, जो बड़ी उपलब्धि है। आय कर संग्रह भी बढ़ा है। इस तरह से टैक्स का जो पैसा सरकार के पास आ रहा है, वह बहुत बड़ी रकम है और इसकी बदौलत ही इतना विकास हो पा रहा है।
वैश्विक बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार अगले 12 महीने में बेहतर प्रदर्शन करेगा। अपने खुद के फैसलों की वजह से यूरोप ने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारी है। वे रूस से गैस नहीं खरीद रहे हैं। आज जर्मनी अलग तरह की समस्याओं में उलझा हुआ है। तेल और गैस के ऊँचे दामों की वजह से यूरोप की हालत खस्ता है। अमेरिका में कारोबार की चाल धीमी है, इसे मंदी तो नहीं कहूँगा मैं। मगर वहाँ भी समस्या है और चीजों के दाम में काफी वृद्धि हुई है। हमें तो सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि हम आज भी रूस से तेल खरीद रहे हैं और सस्ता तेल खरीद रहे हैं। कोई हमें मजबूर नहीं कर सकता, हमारे ऊपर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है।
इस कैलेंडर वर्ष में लगभग सारे ही क्षेत्र (सेक्टर) बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। सबसे तेजी से विकास करने वाले क्षेत्रों में रेस्तरां या होटल क्षेत्र, रिटेल और रियल एस्टेट को गिना जा सकता है। साल 2023 के लिए मेरे सबसे पसंदीदा पाँच शेयरों में साउथ इंडियन बैंक, जिम लैब्स, चेन्नई फेरस, मैक्स हेल्थकेयर और आर्चीन केमिकल्स शामिल हैं।
पर अगले छह महीनों में हमारे देश के लिए महँगाई और ब्याज दर पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी होगा। बजट 2023 का हमारे बाजार के लिए बहुत कम महत्व रहने वाला है। जो असर होगा, वह हल्का सकारात्मक होगा। बजट में अब हम कोई बहुत बड़े बदलाव नहीं ला रहे हैं। शुल्कों की संरचना में कोई खास बदलाव नहीं किया जायेगा। किन्हीं विशेष क्षेत्रों में छोटे-मोटे बदलाव हो सकते हैं, जिनसे कुछ विसंगतियों का निवारण कर दिया जायेगा।
सेंसेक्स के लिए मेरा मानना है कि यह वर्ष 2025 में 1,00,000 के स्तर पर पहुँच सकता है। हम 2024 में आम चुनाव के बाद 2025 में ऐसा होता देखेंगे, 2025 से पहले कुछ नहीं होगा। अगर इससे पहले तेजी आती है तो वह टिकने वाली नहीं होगी। चुनाव से पहले अगर 80,000 या 90,000 के स्तर पर सेंसेक्स पहुँच जाता है तो वह टिकाऊ नहीं होगा। पर मैं बाजार में सेंसेक्स-निफ्टी को बहुत महत्व नहीं देता, मैं वास्तविक दुनिया को ज्यादा देखता हूँ। कुल मिला कर बाजार में सब कुछ अच्छा है।
(स्पष्टीकरण : इन शेयरों में विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित हो सकते हैं।)
(शेयर मंथन, 24 जनवरी 2023)
Add comment