कई महीनों तक खरादीर ढूँढने के बाद अब आईडीएफसी (IDFC) ने अपने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) व्यवसाय को न बेचने का फैसला लिया है।
खबरों के अनुसार आईडीएफसी अपनी संपत्ति प्रबंधन कंपनी आईडीएफसी एसेट मैनेजमेंट (IDFC Asset Management) को नहीं बेचेगी।
कंपनी के बोर्ड ने बजाय म्यूचुअल फंड कारोबार को बेचने के इसके विस्तार पर ध्यान देने की योजना बनायी है। इस बीच 18 दिसंबर को ही आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कैपिटल फर्स्ट (Capital First) का विलय पूरा हुआ है।
बाजार जानकारों का मानना है कि आईडीएफसी जिस मूल्य पर अपना म्यूचअल फंड कारोबार बेचना चाहती थी, कंपनी को वो मूल्य नहीं मिला। यह भी माना जा रहा है कि संभव है कि पिछले कई महीनों में बाजार नियामक सेबी (SEBI) द्वारा नियमों के विस्तार के कारण फंड हाउस का मूल्यांकन प्रभावित हुआ, जिसे आईडीएफसी एएमसी ने स्वीकार नहीं किया।
खबर है कि फंड हाउस ने 5,000 करोड़ रुपये की उम्मीद जतायी थी, जबकि इसे 3,500-4,000 करोड़ रुपये के बीच में प्रस्ताव मिले। (शेयर मंथन, 20 दिसंबर 2018)
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