म्यूचुअल फंडों में हाल के समय में निवेशकों ने लगातार भारी निवेश का सिलसिला बनाये रखा है, मगर अब संभवतः शेयर बाजार में आ रहे उतार-चढ़ाव के मद्देनजर म्यूचुअल फंडों को उनकी बिकवाली का अंदेशा भी सताने लगा है।
अब तक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक्जिट लोड शून्य या बहुत कम रखने वाले म्यूचुअल फंडों ने एक्जिट लोड बढ़ाने का फैसला किया है। एक्जिट लोड एक नियत अवधि से पहले म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने पर निवेशकों को लगने वाला शुल्क है। म्यूचुअल फंडों का इरादा यह होता है कि उनके निवेशक लंबी अवधि के लिए पैसा लगायें, ताकि उन्हें अपनी निवेश रणनीति बनाने में आसानी हो। यह शुल्क लगाने से निवेशक जल्दी-जल्दी पैसा निकालने के प्रति हतोत्साहित होता है।
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ने 1 अक्टूबर 2017 से अपनी चार फंड योजनाओं में निवेश तिथि से एक साल तक या इससे पहले पैसा निकालने पर एक्जिट लोड शून्य से बढ़ा कर 1% कर दिया है। ये योजनाएँ हैं मोतीलाल ओसवाल मोस्ट फोकस्ड 25, मोतीलाल ओसवाल मोस्ट फोकस्ड मिडकैप 30, मोतीलाल ओसवाल मोस्ट फोकस्ड मल्टीकैप 35 और मोतीलाल ओसवाल मोस्ट फोकस्ड डायनामिक इक्विटी फंड। एक साल से अधिक समय के बाद पैसा निकालने पर एक्जिट लोड शून्य ही रहेगा।
हालाँकि इस फैसले का असर केवल उन्हीं नये निवेशकों पर होगा, जो 1 अक्टूबर 2017 या उसके बाद पैसा लगा रहे हैं। इसका कोई असर उन निवेशकों पर नहीं पड़ेगा, जिन्होंने एक्जिट लोड बढ़ने की तारीख से पहले ही अपना निवेश किया था। पुराने निवेश पर एक्जिट लोड के वही नियम लागू होंगे, जो निवेश तिथि के समय प्रभावी थे। (शेयर मंथन, 08 अक्टूबर 2017)
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