शेयर मंथन में खोजें

खुदरा महँगाई (Retail Inflation) पाँच साल के निचले स्तर पर

मई 2017 के महीने में खुदरा महँगाई (retail inflation) घट कर 2012 से अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गयी है।

खुदरा महँगाई को दर्शाने वाला उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) या सीपीआई (CPI) मई 2017 में घट कर 2.18% पर आ गया। इससे पहले अप्रैल 2017 में भी यह 2.99% के निचले स्तर पर था। वहीं मई 2016 में यह 5.76% के स्तर पर था।
मई 2017 में खुदरा महँगाई में इस गिरावट में एक बड़ा योगदान खाद्य महँगाई घट कर नकारात्मक हो जाने का है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2016-17 में दालों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होने, 2017 में अच्छा मॉनसून रहने और सब्जियों की महँगाई में लगातार गिरावट आने से खाद्य महँगाई में गिरावट का रुझान बना है। साथ ही पिछले साल खाद्य महँगाई ज्यादा थी, जिससे पिछला आधार भी ऊँचा होने का प्रभाव (बेस इफेक्ट) दिख रहा है।
क्रिसिल का कहना है कि आने वाले महीनों में पिछले आधार का प्रभाव पलटने और जीएसटी लागू होने के मद्देनजर महँगाई दर में तात्कालिक रूप से वृद्धि की संभावना है। खास कर सेवा क्षेत्र में महँगाई बढ़ सकती है। मगर कुल मिला कर महँगाई का दबाव काफी नाटकीय ढंग से घटा है, जिसमें मुख्य योगदान खाद्य महँगाई में गिरावट का है। नोटबंदी के समय माँग में कमी आने और झटपट बिकवाली की प्रवृत्ति के कारण खाद्य महँगाई घटी थी। मगर इसके बाद 2017 में भी नाशवान और टिकाऊ दोनों तरह की खाद्य वस्तुओं की महँगाई में गिरावट जारी रहना यह संकेत देता है कि मजबूत खाद्य आपूर्ति से कीमतों पर एक टिकाऊ प्रभाव पड़ रहा है।
क्रिसिल ने कृषि मंत्रालय के आँकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में अनाज उत्पादन लगभग 9% बढ़ा है, जो छह वर्षों का सर्वाधिक स्तर है। वहीं दालों का उत्पादन सालाना आधार पर 37% बढ़ा है। वर्ष 2017-18 में भी कृषि उत्पादन अच्छा रहने की आशा है, क्योंकि मौसम विभाग ने मॉनसून में सामान्य से 98% बारिश होने का अनुमान जताया है।
पिछले साल जुलाई में 6.1% का ऊपरी स्तर छूने के बाद से खुदरा महँगाई दर में कमी आती गयी है। जनवरी 2017 में 3.17% के निचले स्तर से यह फरवरी और मार्च में थोड़ी बढ़ी, मगर आरबीआई के लिए सहज स्तरों के दायरे के अंदर ही 4% से नीचे रही।
क्रिसिल का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में खाद्य महँगाई निचले स्तरों पर ही बनी रहेगी, जिससे कुल मिला कर महँगाई दर नियंत्रण में रहेगी। इसने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए महँगाई दर के अनुमान को 4.5% से घटा कर 4% कर दिया है। (शेयर मंथन, 13 जून 2017)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

  • आईपीओ की आँधी : निवेश मंथन पत्रिका (सितंबर 2024)

    शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"