क्रिसिल (CRISIL) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) के अनुमान में 20 आधार अंकों की कटौती की है।
क्रिसिल ने 2019-20 में देश की विकास दर का अनुमान 7.1% से घटा कर 6.9% कर दिया है। क्रिसिल ने इसके मुख्य तीन कारण बताये हैं, जिनमें कमजोर मॉनसून, वैश्विक विकास मंदी और पहली तिमाही के सुस्त आँकड़े शामिल हैं।
क्रिसिल के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में तेज मंदी रहेगी, जबकि दूसरी छमाही में अपेक्षित मौद्रिक नीति में ढील, उपभोग और निचले आधार के प्रभाव (Base Effect) से अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सकता है।
खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी के साथ कृषि टर्म्स ऑफ ट्रेड (निर्यात मूल्य:आयात मूल्य अनुपात) बेहतर होने की उम्मीद है। इसके अलावा केंद्र द्वारा घोषित प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आय हस्तांतरण और कुछ राज्यों में कृषि ऋण माफी से किसानों को लाभ होगा।
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि 2017 में भारत की जीडीपी 8.2% की दर से बढ़ी थी, जो पिछले एक दशक में सर्वाधिक है। मगर इसके बाद नीतिगत पहल और सुधारों तथा व्यापार विवाद, जो एक साथ एक चक्रीय मंदी का कारण बना, सहित बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता से कई रुकावटें आयी। क्रिसिल ने एनबीएफसी संकट को इसका एक कारण बताया है।
इसके अलावा पिछले दो वित्त वर्षों में दोहरे अंकों की वृद्धि की प्रवृत्ति को बदलते हुए क्रिसिल ने कॉर्पोरेट की आमदनी वृद्धि 8% की धीमी गति से बढ़ने की संभवना जतायी है। (शेयर मंथन, 01 अगस्त 2019)