जीडीपी वृद्धि के ताजा आँकड़ों के आने के बाद रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 2019-20 की सालाना विकास दर के लिए अपने अनुमानों में तीखी कटौती कर दी है।
पहले क्रिसिल ने इस वित्त वर्ष में 6.3% विकास दर का अनुमान रखा था, लेकिन अब इसे घटा कर केवल 5.1% कर दिया है। दरअसल सबको यह आशा थी कि 2019-20 की दूसरी छमाही में हालात कहीं ज्यादा तेजी से बेहतर होंगे। लेकिन इसके विपरीत क्रिसिल का ताजा आकलन है कि पहली छमाही में हासिल 4.8% विकास दर की तुलना में दूसरी छमाही में विकास दर बहुत हल्के सुधार के साथ 5.5% पर पहुँच सकेगी।
इसमें मौद्रिक नीति से मिलने वाले समर्थन, कृषि, सरकारी खर्च में कुछ तेजी आने और एक कमजोर आधार के असर (बेस इफेक्ट) का योगदान शामिल होगा। क्रिसिल का अनुमान है कि निकट भविष्य में मौद्रिक नीति का झुकाव वृद्धि की ओर ज्यादा रहेगा और दिसंबर में आने वाली मौद्रिक नीति में रेपो दर में 0.25% अंक की कमी हो सकती है।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में केवल 4.5% की विकास दर सरकार के लिए एक बड़े झटके की तरह सामने आयी है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले यह 0.5% कम है और 2012-13 की चौथी तिमाही के बाद से अब तक की सबसे निचली तिमाही विकास दर है। (शेयर मंथन, 3 दिसंबर 2019)