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15 महीने के निचले स्तर 5.66% पर आया CPI, रिजर्व बैंक की सीमा में रही महँगाई

मार्च के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) आधारित महँगाई दर 15 महीने के निचले स्तर 5.66% पर आ गयी। यह आँकड़े सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बुधवार (12 अप्रैल) को जारी किये। इसके साथ ही भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर मार्च में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6% से नीचे आ गयी।

सांख्यिकी मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति फरवरी के 6.44% से घटकर पिछले महीने 5.66% पर आ गयी। मार्च के मुद्रास्फीति आँकड़े 15 महीनों में सबसे कम है, जो दिसंबर 2021 में 5.66% पर आ गयी थी। यह मोटे तौर पर आम सहमति के अनुमानों के अनुरूप भी है। दो महीने बाद मुद्रास्फीति के रिजर्व बैंक के 2-6% के दायरे में लौटने के बावजूद यह लगातार 42 महीने तक 4% के मध्यम अवधि के लक्ष्य से ऊपर रही है।

मार्च में मुद्रास्फीति में 78 आधार अंकों की तेज गिरावट काफी हद तक अनुकूल आधार प्रभाव के कारण थी, जिसमें सीपीआई का सामान्य सूचकांक मार्च 2022 में महीने-दर-महीने एक फीसदी बढ़ गया था, जिससे पिछले महीने के मुद्रास्फीति प्रिंट के लिए एक उच्च आधार बना था। इससे भी बड़े आधार प्रभाव से मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 4.79% पर आ गयी, जो फरवरी में 5.95% थी। कीमतों में तेजी के लिहाज से महँगाई पर सबसे ज्यादा दबाव खाद्य तेलों का रहा, जिनका इंडेक्स मार्च में महीने दर महीने आधार पर 2.6% गिरा है।

दूसरी ओर फलों का सूचकांक 3.7% बढ़ा जबकि सब्जियों का सूचकांक 1.7% बढ़ा। कुल मिलाकर उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक मार्च में महीने दर महीने 0.3% बढ़ा। खाद्य के अलावा, ईंधन और प्रकाश और आवास समूहों के सूचकांकों में कोई बदलाव नहीं होने के साथ थोड़ा अनुक्रमिक आंदोलन था। हालांकि कपड़े और जूते-चप्पल तथा विविध वस्तुओं के सूचकांक फरवरी से 0.3% ऊपर रहे। मुख्य मुद्रास्फीति यानी अस्थिर खाद्य और ईंधन वस्तुओं को छोड़कर मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.8% पर आ गयी, जो फरवरी में 6.1 % थी।

(शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2023)

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