चना वायदा (मार्च) में जवाबी खरीद को 3,765 के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
कृषि मंत्रालय के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार पिछले हफ्ते तक देश में चने की बुआई 7.9% बढ़ कर 10.56 मिलियन हेक्टयर में हुई है। मध्य प्रदेश में चने की कुल बुआई 10.4% की बढ़ोतरी के साथ 3.59 मिलियन हेक्टयर, महाराष्ट्र में 3.5% की बढ़ोतरी के साथ 1.90 मिलियन हेक्टयर और कर्नाटक में 27.7% की बढ़ोतरी के साथ 1.38 मिलियन हेक्टयर में हुई है। कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 975 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। पिछले कुछ हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझानों पर घरेलू हाजिर बाजारों में कीमतों में उठा-पटक को देखते हुए बड़े कारोबारी कीमतों में स्थिरता आने का इंतजार कर रहे है। उत्तर भारत में नयी कपास की रोजाना आवक लगभग 13,500 बेल हो गयी है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 12,500 बेल की तुलना में 8% अधिक है। ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतो में तेजी रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें क्रमशः 4,450-4,480 और 9,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की अधिक कीमतों के अमेरिकी तेल रिगों की संख्या में बढ़ोतरी और घरेलू बाजार में ग्वारगम के स्टॉक के कम होते जाने के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। घरेलू बाजार में ग्वारगम का अंतिम स्टॉक 2016-17 के की तुलना में 91% कम होकर 2017-18 में 87,951 टन रहनें का अनुमान है। 2017 खरीफ सीजन में ग्वारसीड के कम उत्पादन के कारण भी कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 23 जनवरी 2018)
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