हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,900 रुपये से नीचे टूटने पर 6,800 रुपये तक गिर सकती हैं।
कमजोर माँग के बीच नयी फसल की आवक के कारण निजामाबाद, सांगली और इरोद बाजार में हल्दी की कीमतों में 100-200 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम की गिरावट हुई है, जबकि डुग्गीराला में हल्दी की कीमतें सपाट हैं। बाजारों में नयी फसल की आवक के साथ पर्याप्त स्टॉक और कमजोर माँग के कारण कीमतों में नरमी का सेंटीमेंट रहा है। जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें 15,150-15,050 रुपये तक गिर सकती है। माँग की तुलना में आपूर्ति काफी अधिक होने के कारण ऊंझा बाजार में जीरे की कीमतों में 50 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम की गिरावट हुई है। जबकि गोंदला और राजकोट में जीरे की कीमतों में स्थिरता है। वर्तमान समय में नयी फसल की आवक के कारण बिकवाली में दबाव है। 2017-18 में जीरे का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 30% अधिक होने के अनुमान के कारण जीरे की कीमतों में नरमी की रुझान है। धनिया वायदा (अप्रैल) में नरमी के रुझान के साथ इसकी कीमतें 5,400 रुपये तक लुढ़क सकती है। घरेलू बाजारों में माँग काफी कम है और खरीदार बड़ी खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। क्योंकि उन्हे अधिकतम आवक के दिनों में कीमतों में गिरावट होने की उम्मीद है। बेचमार्क कोटा बाजार में धनिया की आवक में बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि नयी फसल की आवक में बढ़ोतरी होने के बाद कीमतों में गिरावट होने की आशंका से स्टॉकिस्ट और किसान अपने पूरे स्टॉक को जल्दी से बेचना चाहते है। फरवरी मध्य तक धनिया की नयी फसल की आवक में तेजी आने की संभावना है क्योंकि उत्पादन क्षेत्रों में फसल पूरी तरह कटाई के लिए तैयार है। (शेयर मंथन, 21 फरवरी 2018)
Add comment