हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 7,100 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
इसकी कीमतें में बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। कमजोर माँग के बीच नयी फसल की बढ़त आवक के कारण सांगली में हल्दी की कीमतों गिरावट हुई है जबकि देश के अन्य बाजारों में डुग्गीराला, निजामाबाद और इरोद में सुस्त कारोबार के कारण कीमतों में स्थिरता है। जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों के 15,200-15,775 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है। सुस्त कारोबार और माँग एंव आपूर्ति के बराबर होने के कारण ऊंझा बाजार में जीरे की कीमतों स्थिरता है, जबकि राजकोट में जीरे की कीमतों बढ़ोतरी हुई है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खरीदारी के कारण राजकोट में जीरे की कीमतों में 25 रुपये 20 प्रति किलो ग्राम की बढ़ोतरी है। 2017-18 में जीरे का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 30% होने के अनुमान के कारण स्टॉकिस्ट बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। धनिया वायदा (अप्रैल) में जवाबी खरीद (शॉर्ट कवरिंग) हो सकती है और कीमतों में 5,800 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के बाजारों में धनिया की कीमतों में स्थिरता है। बेहतर घरेलू माँग और आपूर्ति कम होने के कारण बरान और राजकोट में धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। जबकि कोटा और गुना में कीमतों में स्थिरता है। बरान और राजकोट में धनिया की नयी फसल की आवक में बढ़ोतरी होने से कीमतों में वृद्धि हुई है। (शेयर मंथन, 23 फरवरी 2018)
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